2018 के बजट में मोदी सरकार मिडिल क्लास को दे सकती है अच्छी खबर

खबरें अभी तक। बजट को लेकर सरकार के बीच चर्चाएं अब  शुरू हो गई हैं. सरकार और पार्टी के एक बड़े वर्ग का कहना है कि बजट में मिडिल क्लास के लोगों का ख्याल रखा जाना चाहिए. बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार 2019 के आम चुनाव से पहले अपने आखिरी पूर्ण बजट में मध्यम वर्ग को बड़ी राहत दे सकती है.चुनाव में उतरने से पहले सरकार मिडल क्लास को साधने के लिए टैक्स में बड़ी राहत दे सकती है. मध्यम वर्ग को बीजेपी का सबसे बड़ा आधार माना जाता है.

सरकार में टैक्स छूट, हेल्थ इंश्योरेंस पर अतिरिक्त लाभ, एफडी पर अधिक ब्याज का ऐलान किए जाने पर विचार किया जा रहा है. बीते कुछ महीनों में सेंसेक्स में उछाल और म्युचूअल फंड्स के रिटर्न में इजाफा होने के चलते इन सरकारी निवेश योजनाओं का आकर्षण घटा है. बीते दिनों फाइनैंस मिनिस्टर अरुण जेटली ने भी कहा था कि सरकार लोगों के पास अधिक फंड छोड़ने पर विश्वास करती है ताकि लोग ज्यादा से ज्यादा खर्च और निवेश कर सकें.

हालांकि कॉर्पोरेट टैक्स में कमी और जीएसटी के चलते रेवेन्यू घटने की वजह से सरकार को लोगों को रियायत देने के लिए संसाधन तलाश करने होंगे. सूत्रों का कहना है कि सरकार का एक वर्ग स्टॉक मार्केट ट्रांजैक्शंस पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स को बढ़ाने के पक्ष में है. सूत्रों के मुताबिक 5 लाख रुपये तक के ट्रांजैक्शन पर यह राहत मिलेगी. इसके अलावा लेवी भी 10 फीसदी से भी कम की जा सकती है.

एनडीए सरकार मिडल क्लास और गरीब तबके के लोगों को लुभाने वाला बजट पेश करने की तैयारी में है. हाल ही में इस वर्ग को राहत देने के लिए सरकार ने 200 आइटम्स को 28 पर्सेंट जीएसटी के दायरे से बाहर किया है. नाम उजागर न करने की शर्त पर एक सूत्र ने कहा, ‘इससे 5,000 निवेशकों पर असर होगा, लेकिन इससे 5 करोड़ परिवारों को लाभ भी होगा।’ सूत्रों का कहना है कि फाइनैंस मिनिस्टर अरुण जेटली के साथ चर्चा के बाद पीएम मोदी राजनीतिक लिहाज से बड़ा फैसला लेते हुए टैक्स में रियायत दे सकते हैं.

यदि सरकार इस दिशा में आगे बढ़ती है तो टैक्स में छूट का फैसला लेते हुए सरकार को यह भी ध्यान रखना होगा कि इससे उसके फ्लैगशिप कार्यक्रमों के लिए संसाधनों की कमी न हो सके। फिलहाल 2.5 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं है.सके अलावा पीपीएफ और 5 साल के लिए बैंक खातों में 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर छूट मिलती है। वहीं, इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 80सी के तहत भी टैक्स में कई तरह की छूट मिलती हैं.