भारतीय टीम के दूसरा टेस्ट हारने के ये है बड़े कारण

खबरें अभी तक। भारत ने आखिर कार दक्टेषिण अफ्रीका के सामने घुटने टेक  ही दिए. रैंकिंग में नंबर 1 के स्थान पर मौजूद भारतीय टीम की दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर शर्मनाक हार जारी है. केपटाउन में 72 रनों से हारने के बाद बुधवार को सेंचुरियन में टीम इंडिया को 135 रनों से हार झेलनी पड़ी. यह पिछले कुछ समय में टीम इंडिया की विदेशी जमीन पर पहली टेस्ट सीरीज है. इस सीरीज पर आने से पहले भारतीय टीम ने अपनी तैयारियों को जांचा-परखा था, लेकिन ऐसा क्या हुआ कि टीम इंडिया एक के बाद एक मैच गंवाती जा रही है.

करीब दो सालों से भारतीय टीम सफलता की नई कहानी लिख रही थी. इसका क्रेडिट कप्तान विराट कोहली को दिया जा रहा था तो अब टीम की इस असफलता की जिम्मेदारी भी कोहली को उठानी होगी. भारतीय टीम की इस दुर्दशा का अहम कारण विराट कोहली का अतिआत्मविश्वास भी है. आइए जानते हैं किन मौकों पर हुई विराट कोहली से चूक .

अभ्यास मैच न होना-

टीम इंडिया के लिए पहले इस दौरे पर अभ्यास मैच रखा गया था, जिसे बाद में हटा दिया गया. टीम के कप्तान विराट कोहली ने इसका स्वागत किया था. उन्होंने कहा था कि अभ्यास मैच से अच्छा टीम के लिए नेट प्रैक्टिस करना रहेगा. टीम ने अभ्यास में पसीना भी बहाया, पर यह काम नहीं आया. टीम इंडिया पिछले दो सीजन से अपने घर में स्पिन विकेट पर मैच जीतते जा रही थी. दक्षिण अफ्रीका की तेज पिच पर भारतीय टीम का अभ्यास नहीं के बराबर था. ऐसे में अभ्यास मैच की कमी टीम इंडिया को काफी भारी पड़ी.

चयन पर उठते सवाल-

टीम में चयन को लेकर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं. मध्यक्रम में अजिंक्य रहाणे को टीम में शामिल न करना भी टीम को भारी पड़ा. अफ्रीकी पेसर डेल स्टेन के बाहर होने के बावजूद दक्षिण अफ्रीकी आक्रमण के सामने भारतीय बल्लेबाजी क्रम पूरी तरह समर्पण करता दिखा. पहली पारी में विराट कोहली (153) और मुरली विजय (46) और दूसरी पारी में रोहित शर्मा (47) को छोड़कर कोई भी बल्लेबाज संघर्ष नहीं कर सका. इसके अलावा गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार को टीम से बाहर रखने का फैसला भी किसी को समझ नहीं आया.

सलामी जोड़ी का न चल पाना-

दोनों मैचों में भारत के सलामी बल्लेबाज टीम को अच्छी शुरुआत दे पाने में नाकाम रहे. एक मैच बाद ही शिखर धवन को बाहर कर दिया गया. उनकी जगह पर लाए गए लोकेश राहुल पहली पारी में 10 और दूसरी पारी में 4 रन ही बना सके. इसके अलावा खुद कप्तान विराट कोहली दूसरी पारी में केवल 5 रनों का ही योगदान दे सके.

दक्षिण अफ्रीका को हल्के में लेना-

भारतीय टीम ने अपने घर में तेज पिचों की ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड जैसी टीमों को हराया था, लेकिन दक्षिण अफ्रीका को उसने हल्के में लिया. दक्षिण अफ्रीका को उसके घर में हराना भारत के लिए कभी आसान नहीं रहा. इसके बावजूद भारतीय टीम ने इस दौरे के लिए पर्याप्त तैयारियां नहीं कीं. इस दौरे से ठीक पहले अचानक श्रीलंका को भारतीय दौरे पर बुला लिया गया, जबकि पूरे साल से खेलते आ रहे भारतीय खिलाड़ियों को आराम और तेज पिचों पर अभ्यास की जरूरत थी, जो दक्षिण अफ्रीका या उसके जैसे माहौल वाले किसी और देश में किया जा सकता था.